प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सन्देश
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा सन्देश
कोरोना वाइरस एवं COVID-19 क्या है?

कोरोना वायरस (Corona Virus) कई वायरस (विषाणु) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में फैलता है। आज तक पाए गए कई कोरोना वाइरस से भिन्न यह नवीन कोरोना वाइरस गत वर्ष 2019 में चीन के वुहान से शुरू हुआ था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस नवीन कोरोना वायरस से होने वाले रोग का नाम Corona Virus Disease 2019 (COVID-19) रखा है।
अब तक 170 से ज्यादा देशों में पहुंच गए इस COVID-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने “महामारी” घोषित कर दिया है।
कोरोना वायरस एक घातक वायरस है और यह संक्रमित व्यक्ति को छूने या संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की जा रही चीजों को छूने से फैल सकता है। यह छींकने या खांसने के कारण भी हो सकता है।
कोरोना वाइरस कैसे फैलता है?
- जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं।
- संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
- अगर आप किसी ऐसी जगह अथवा सतह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं।
- उदाहरण स्वरूप कागज़ से बने नोट महामारी बन चुके कोरोना वायरस को फैलने में सहायक साबित हो सकते हैं। कोई संक्रमित बिल, नोट या सिक्का हाथ में लेने के बाद अगर हाथों को ना धोए, तो यह ख़तरनाक़ साबित हो सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने सुझाव दिया है कि जनता फ़िलहाल नकदी उपयोग करने से बचे और लेन-देन के लिए भुगतान के डिजिटल साधनों का प्रयोग करे। यदि नोट छूना पड़ ही जाए, तो छूने के तत्काल बाद हाथों को साबुन से अच्छे से धोएँ।
COVID-19 का इलाज एवं टीका
- नवीन कोरोना वायरस से होने वाले इस रोग COVID-19 का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए, जिससे व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए।
- अत्यधिक गम्भीर मामलों में अस्पताल में भर्ती कर मरीज़ को वेंटिलेटर पर रखा जाता है।
- कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी विभिन्न देशों में चल रहा है।
COVID-19 के लक्षण
- व्यक्ति के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है। इस कारण सबसे पहले बुख़ार तथा उसके बाद सूखी खांसी आती है। बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है।
- वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है।
- कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं।

- लेकिन व्यक्ति में COVID-19 रोग के लक्षण दिखने से पहले भी ये वायरस उसके द्वारा फैल सकता है।
- इस रोग के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं, जिससे आसानी से भ्रमित होने की सम्भावना होती है।
कोरोना वाइरस से किन्हें अधिक ख़तरा है?
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निम्नलिखित के गम्भीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक है:
- बूढ़े व्यक्ति
- पहले से ही सांस अथवा फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति
- मधुमेह – ग्रस्त रोगी
- हृदय रोगी
- कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति
कोरोना वाइरस से कैसे बचें?
- बार-बार साबुन और पानी से, कम से कम 20 सेकंड तक, अच्छे से हाथों को धोएँ।
- जब साबुन से हाथ धोना सम्भव न हो, तो कम से कम 60% अल्कोहल वाले सैनिटाइजर (sanitiser) को सूखे हाथों पर अच्छे से लगा कर मलें।
- खाँसते अथवा छींकते हुए नाक और मुँह को रुमाल, टिशू अथवा अपनी क़मीज़ की बाजू से ढकें।
- प्रयोग किए हुए टिशू को कूड़ेदान में फेंकें तथा उसके उपरांत साबुन व पानी से हाथ धोएँ।
- बिना धुले हाथों से अपनी आँख, नाक अथवा मुँह न छुएँ।
- बीमार व्यक्ति के निकट न जाएँ।
- Social Distancing (सामाजिक दूरी) अपनाएँ।

हाथ कैसे धोएं
क्या करें, क्या न करें

क्या करें, क्या न करें
Mask (नक़ाब) – कब और क्यों?
- अगर आपको सांस लेने से जुड़ी कोई दिक्कत है, आप छींक रहे हैं या खांसी है, तो नाक व मुँह ढकने हेतु मास्क (नक़ाब) पहनने की सलाह दी जाती है ताकि बाक़ी लोग सुरक्षित रहें।
- अगर आपको ऐसे कोई लक्षण नहीं हैं, तो मास्क पहनने की ज़रूरत नहीं है।
- अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा।
- अगर आप मास्क पहन रहे हैं तो इन्हें सही ढंग से पहनना ज़रूरी है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। मास्क पहनते समय ध्यान रखें कि नाक और मुँह में हवा सिर्फ़ मास्क के द्वारा ही जाए, तथा मास्क के कोनों अथवा नाक के पास से हवा का रिसाव (leakage) न हो।
- मास्क पहनने का तरीका – मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए। अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए। मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे। मास्क उतारते वक्त भी मास्क की इलास्टिक या फीता पकड़ कर निकालना चाहिए; मास्क नहीं छूना चाहिए। हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए।
- सिर्फ़ मास्क पहन लेने से ही संक्रमण फैलने से नहीं रुकता। साथ में, आपको लगातार हाथ धोने होंगे, छींकते और खांसते समय मुंह ढकना होगा और ज़ुकाम जैसे लक्षणों से जूझ रहे व्यक्तियों के निकट जाने से बचना होगा।

Social Distancing (सामाजिक दूरी) क्या है?
- सामाजिक दूरी अथवा सोशल डिस्टेंसिंग का तात्पर्य है एक-दूसरे से दूर रहना, ताकि संक्रमण के ख़तरे को कम किया जा सके।
- कोरोना वाइरस से बचने के लिए एक जगह पर अधिक लोग इकट्ठा न होने देना, एक दूसरे से दूरी बनाए रख कर बात करना, एक-दूसरे के गले न लगना, हाथ न मिलाना आदि सलाह दी जा रही है।
- रोज़ दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैंकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। फिर भी माना जा रहा है कि कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह दी है।
- सभी शैक्षणिक संस्थानों (स्कूल, विश्वविद्यालय आदि), जिम, म्यूज़ियम, सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्रों, स्विमिंग पूल और थिएटरों को बंद रखने की सलाह दी है। छात्रों को घरों में रहने की सलाह दी गई और उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने को कहा गया है।
- निजी संस्थानों को अपने कर्मचारियों द्वारा घर से काम करवाने (work from home) की सलाह दी गई है।
- संभव हो तो सभी बैठकें आदि स्थगित करने अथवा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए करने पर ज़ोर दिया गया है।
- रेस्त्रां को सलाह दी गई है कि वो हैंडवॉश प्रोटोकॉल का पालन करवाएं और जिन जगहों व सतहों को लोग बार-बार छूते हैं उन्हें ठीक से साफ करते रहें। टेबलों के बीच में कम से कम एक मीटर की दूरी रखें।
- जो शादियां पहले से तय हैं, उनमें कम लोगों को बुलाया जाए और सभी तरह के गैर-ज़रूरी सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया जाए।
- किसी भी तरह की गैर – ज़रूरी यात्रा ना करें और बस, ट्रेन, हवाई जहाज़ में यात्रा करते वक्त लोगों से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है।
- व्यावसायिक प्रतिष्ठानों (दुकान आदि) में लगे लोग ग्राहकों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
- सभी अस्पतालों को कोविड-19 से जुड़े ज़रूरी प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। साथ ही परिवार, दोस्तों, बच्चों आदि को अस्पताल में मरीज़ों के पास जाने न दें।
आँकड़े
क्रमांक | राज्य / यू० टी० | कुल पुष्ट प्रकरण | उपचारित/रिहा | मृत |
---|---|---|---|---|
1 | आन्ध्र प्रदेश | 1583 | 488 | 33 |
2 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 33 | 32 | 0 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 1 | 1 | 0 |
4 | असम | 43 | 32 | 1 |
5 | बिहार | 503 | 125 | 4 |
6 | चंडीगढ़ | 94 | 19 | 0 |
7 | छत्तीसगढ़ | 57 | 36 | 0 |
8 | दिल्ली | 4549 | 1362 | 64 |
9 | गोवा | 7 | 7 | 0 |
10 | गुजरात | 5428 | 1042 | 290 |
11 | हरियाणा | 442 | 245 | 5 |
12 | हिमाचल प्रदेश | 40 | 34 | 1 |
13 | जम्मू और कश्मीर | 701 | 287 | 8 |
14 | झारखंड | 115 | 22 | 3 |
15 | कर्नाटक | 614 | 293 | 25 |
16 | केरल | 500 | 401 | 4 |
17 | लद्दाख | 41 | 17 | 0 |
18 | मध्य प्रदेश | 2846 | 798 | 156 |
19 | महाराष्ट्र | 12974 | 2115 | 548 |
20 | मणिपुर | 2 | 2 | 0 |
21 | मेघालय | 12 | 0 | 1 |
22 | मिजोरम | 1 | 0 | 0 |
23 | नगालैंड | 0 | 0 | 0 |
24 | ओड़िशा | 162 | 56 | 1 |
25 | पुदुचेरी | 8 | 5 | 0 |
26 | पंजाब | 1102 | 117 | 21 |
27 | राजस्थान | 2886 | 1356 | 71 |
28 | तमिलनाडु | 3023 | 1379 | 30 |
29 | तेलंगाना | 1082 | 490 | 29 |
30 | त्त्रिपुरा | 16 | 2 | 0 |
31 | उत्तराखंड | 60 | 39 | 0 |
32 | उत्तर प्रदेश | 2645 | 754 | 43 |
33 | पश्चिम बंगाल | 963 | 151 | 35 |
भारत में कुल पुष्ट मामलों की संख्या | 42533 | 11707 | 1373 |
स्त्रोत: https://www.mohfw.gov.in/